यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना-
यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
इस योजना के तहत जिन भी किसानों की मृत्यु किसी दुर्धटना में हो जाती है उन्हे
सरकार मुआवज़े के रूम में 5 लाख रूपए तक की राशि देगी।
इसके अलावा 60 प्रतिशत से ज्यादा
दिवांग्यता पर अधिकतम 2.50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
यूपी कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत -
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अगर किसान आग लगने, बाढ़ आने, करंट लगने और बिजली गिरने से दुर्घटना का शिकार होता है तो वह या उसका परिवार
योजा का पात्र माना जाएगा।
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किसान को मौत किसी जंगली जानवर के काटने या खने से हो जाती है तो भी योजना का
लाभ मिलेगा।
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अगर किसान की हत्या हो जाती है, या
आतंकवादी हमला लूट, लूट डकैती, मारपीट जैसी को वारदात होती है तो भी किसान को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
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समुंद्र, नदी, झील, तालाब पोखर व कुएं में डूबने से
किसान की मृत्यु होती है तो भी योजना का लाभ लिया जा सकेगा।
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वंही किसान किसी सड़क दुर्घटना या हावाई यात्रा के दौराान मौत का शिकार हो
जाता है, या फिर अपाहिज हो जाता है तो भी
योजना का लाभ मिलेगा।
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इसके अलावा अगर किसान की मौत किसी
आंधी तुफान, में किसी वृक्ष के गिरने के
कारण होती है तो भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
यूपी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लाभ और दी जाने वाली धनराशि-
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अगर किसान की
दुर्घटना में आंख, दोनो हाथ, और दोनो पैर गवा देता है तो योजना का 100 प्रतिशत लाभ दिया जाएगा।
वंही अगर एक हाथ, एक पैर या एक आंख भी दुर्घटना में चली जाती है तो भी योजना के जरिए
100 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। यानी करीब 5 लाख रूपए दिए जाएंगे।
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स्थायी दिव्यांगत
में 50 प्रतिशत यानी 2.50 लाख रूपए तक की आर्थिक
सहायता दी जाएगी।
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वंही अगर दुर्घटना
में शरीर के कुछ हिस्सें में स्थायी विकलांगता हुई है, तो योजना के जरिए 25 प्रतिशत तक रकम दी जाएगी।
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अगर दुर्घटना में
किसान की मृत्यु हो जाती है तो किसान के परिवार को 5 लाख रूपए दिए जााएंगे।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना आवेदन हेतु-
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अगर किसान किसी
दुर्घटना का शिकार हुआ है तो उसे या उसके परिवार को 45 दिन के भीतर ही आवेदन करना
होगा।
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अगर 45 दिन से अधिक समय हो जाता है
तो केवल जिला कलेक्टर ही इस समय सीमा को थोड़ा बहुत बढ़ा सकता है जो 30 दिन से अधिक नहीं होगा।
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किसान या उसके
परिवार द्वारा अगर 75 दिनों के बाद दुर्घटना को लेकर पंजीकरण कराया जाता है तो यह मान्य
नहीं होगा।
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अगर किसान किसी और
सरकारी बीमा योजना के भीतर आवेदन कर चुका है और वंहा से उसे 3 लाख रूपए मिले हैं तो यूपी
सरकार द्वारा उसे या उसके परिवार को दो लाख रूपए ही दिए जाएंगे।
अगर
कोई किसान इस तरह की दुर्घटना का शिकार हुआ है तो उसे या उसके परिवार को 45 दिन के भीतर ही जिला कलेक्टर को
पत्र लिखना होगा। इस पत्र में मेडिकल रिपोर्ट के साथ साथ दुर्घटना की पूरी जानकारी
संक्षिप्त में दी होनी चाहिए। अगर किसान की मृत्यु हो जाती है तो मृत व्यक्ति का
डेथ सर्टिफ़िकेट भी चाहिए होगा।
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