कुंडली में संतान योग | Santan yog|

कुंडली में संतान योग

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सबसे पहले आपको बता दे कुंडली में पांचवा घर संतान का होता है |

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि पाचवे भाव में मंगल और राहु की युति हो तो मृत संतान का योग बनता है |
  • यदि ग्यारहवे घर में मंगल या राहु की युति हो तो भी मृत संतान का योग बनता है |
  • यदि मंगल और राहु पांचवे या ग्यारवी घर में आमने सामने हो तो भी मृत संतान योग बनता है |
  • यदि सूर्य और केतु पांचवे या ग्यारवी में हो या आमने सामने हो तो भी तो मृत संतान योग बनता है |
  • यदि पांचवे घर में ब्रहस्पति उच्च राशि में यानि बलमान हो तो भी संतान बाधा योग बनता है | अगर नामंश कुंडली में ब्रहस्पति कमजोर हो तो ठीक है तो बाधा योग कमजोर हो सकता है |


संतान होगी कब ?

  • पाचवे का स्वामी की अन्तर्दशा जब आयगी तब संतान प्राप्त होने के योग बनते है |
  • इसके साथ ही ब्रहस्पति की द्रष्टि जिस वर्ष संतान भाव में पड़ती है उस वर्ष संतान के योग बनते है | ब्रहस्पति की द्रष्टि 5,7,9 की होती है |
  • ब्रहस्पति जिस ग्रह को देखे उस ग्रह की अन्तर्दशा आने पर भी संतान की प्राप्ति योग बनता है |

  • ब्रहस्पति जिस ग्रह के साथ बैठा हो उस गृह की भी अन्तर्दशा में संतान की प्राप्ति योग बनता है |
  • चंद्रमा और शुक्र की अन्तर्दशा में कन्या संतान का योग बनता है |
  • पंचम भाव का स्वामी उससे सातवे घर की अन्तर्दशा में संतान की प्राप्ति योग बनता है |
  • पंचम भाव का स्वामी जिस घर में बैठा हो उस घर के स्वामी की अन्तर्दशा में संतान की प्राप्ति योग बनता है |

संतान अच्छी होगी या बुरी ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पांचवे घर का स्वामी अगर नीच राशि में हो तो संतान अच्छी नही होती है | 

संतान कितनी होगी ?

वैसे देखा जाये तो आज के समय में अधिकतर लोग 1 या 2 संतान ही करते है पर आपको बता दे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पाचवे भाव को जितने गृह शुभ द्रष्टि से देखेंगे उतनी ही संतान होती है ऐसा माना जाता है |  यदि शुक्र और चंद्रमा की द्रष्टि पांचवे घर पर पड़ रही हो तो माना जाता है ऐसे में कन्या संतान का जन्म होता है और यदि ब्रहस्पति, मंगल, सूर्य की पड़ रही हो तो पुत्र संतान का योग बनता है| |



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