उम्र कैसे देखे ? मौत कब होगी ?

 अपनी उम्र जाने 

माना जाता है हमारे ज्योतिष शास्त्र में हर समस्या का समाधान है आज हम ज्योतिष शास्त्र की मदद से उम्र की गणना करना बताऊंगा ज्योतिष शास्त्र में कुछ तरीको से आप अपनी ही नही किसी की भी उम्र का आंकलन कर सकते है इसके लिए आपके पास उस व्यक्ति की कुंडली होनी चाहिए जिसकी उम्र की आपको गणना करनी है |

म्रत्यु का नाम सुनके हर कोई घबराता है पर गीता में श्री कृष्ण ने कहा है इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसे मरना ही पड़ता है कोई व्यक्ति अमर नही है एक ना एक दिन सबको जाना है आज मै आपको ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृत्यु के बारे में कुछ जानकारिया साँझा करूँगा .

मै किसी की मृत्यु का दावा तो नही करता परन्तु कुछ किताबो व इन्टरनेट के माध्यम से प्राप्त जानकारियों व कुंडली की मदद से किसी भी जातक की मृत्यु के बारे में विश्लेषण करेंगे |  मृत्यु के बारे में जानने के लिए कुंडली का आठवा भाव देखा जाता है 

http://www.freepik.com


मृत्यु कहा होगी ?


ज्योतिष शात्र के अनुसार माना जाता है जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 1,4,7,10 नम्बर की राशियाँ लिखी होती है ऐसे जातको की मृत्यु घर से दूर होती है तथा जिन जातको की कुंडली में आठवे भाव में 2,5,8,11 नंबर की राशिया होती है ऐसे जातको की मृत्यु उनके निवास स्थान पर होती है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है जिन जातको की कुंडली में आठवे घर में 3,6,9,12 नंबर की रशिया होती है ऐसे जातक रास्ते में या फिर अस्पताल में अपने प्राण त्याग देते है |



मृत्यु कैसे होगी ?

जैसा की हमने आपको पहले ही बताया ज्योतिष शास्त्र में मृत्यु के बारे में जानने के लिए कुंडली का आठवा भाव देखते है अभि हमने मृत्यु कहा होगी ये जाना था अब हम जानेंगे मृत्यु कैसे होगी | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 5 नंबर की राशि के साथ सूर्य गृह होता है ऐसे जातक की मृत्यु अग्नि, ज्वर , हड्डी, ह्रदय की समस्या से होती है |

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 4 नंबर की राशि के साथ चन्द्र गृह होता है ऐसे जातक की मृत्यु संग्रहणी, रक्त विकार, किडनी की समस्या से होती है |

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 1 या 8 नंबर की राशि के साथ मंगल गृह होता है ऐसे जातक की मृत्यु शास्त्र, आग, चोट, केंसर की समस्या से होती है |

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 3 या 6 नंबर की राशि के साथ बुध गृह होता है ऐसे जातक की चर्म रोग, बुखार, नसों की समस्या की समस्या से होती है |

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 9 या 12 नंबर की राशि के साथ बुध गृह होता है ऐसे तक की कफ, असाध्य रोग, लीवर की समस्या से होती है|

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 2 या 7 नंबर की राशि के साथ शुक्र गृह होता है ऐसे तक की पेशाब, मूत्राशय, प्यास, गुप्त रोग की समस्या से होती है|

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 10 या 11 नंबर की राशि के साथ शनि गृह होता है ऐसे तक की भूख,नसों की समस्या, विष से होती है |

  • जिन जातको की कुंडली के आठवे भाव में 10 या 11 नंबर की राशि के साथ राहुगृह होता है ऐसे तक की भूख,नसों की समस्या, विष से होती है |



मृत्यु के समय अवस्था सुख / दुःख ?


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातको की कुंडली में आठवे भाव में मंगल, सूर्य, केतु, शनि गृह होते है ऐसे जातको की मृत्यु कष्टपूर्ण होती है तथा जिन जातको की कुंडली में के आठवे भाव में गुरु, शुक्र ,बुध, चन्द्र ग्रह विराजमान होते है ऐसे व्यक्ति की मृत्यु के समय अवस्थ सहज होती है 


मृत्यु किस दिन होगी ?


हमने अब तक जाना मृत्यु कब और कैसे होगी अब में आपको बताऊंगा म्रत्यु कब होगी ? इसके लिए आपको कुछ सूत्र व  कुछ जोड़ घटाना आना चाहिए मृत्यु कब होगी यह जानने के लिए जातक की जन्म तिथि और जन्म के समय का दिन तथा राशि याद होना चाहिए नीचे दिए गये विवरण को ध्यान से देखिये-

जन्म दिन          आयु

रविवार             60 वर्ष

सोमवार            84 वर्ष

मंगलवार            74 वर्ष

बुधवार             64 वर्ष

गुरुवार             84 वर्ष 

शुक्रवार             60 वर्ष

शनिवार            100 वर्ष

 

जातक की मृत्यु का पता लगाने के लिए जातक की राशि भी पता होना चाहिए राशि का निर्णय कुंडली में चंद्रमा की सिथ्ती को देखकर किया जाता है | कुडंली में चंद्रमा जिस राशि के साथ बैठा होता है वही उसकी राशि होती है

नीचे राशियों की उम्र का विवरण दिया गया है –

राशि         उम्र

मेष          75 वर्ष 2 माह 15 घटि 12 पल

वृष          85 वर्ष 6 माह 07 दिन

मिथुन       85 वर्ष

कर्क         70 वर्ष 5 माह 3 दिन

सिंह         65 वर्ष

कन्या        84 वर्ष

तुला         85 वर्ष

व्रशिच्क      75 वर्ष 2 माह 7 दिन

धनु         85 वर्ष

मकर        81 वर्ष

कुम्भ        61 वर्ष

मीन         61 वर्ष

 

अब जातक की जन्म के दिन वाली उम्र तथा जातक की राशि वाली उम्र को जोड़ने के बाद 2 का भाग देना होगा जो योगफल है मिलता है उसे जन्म तिथि के साथ जोड़ने पर उस जातक की मृत्यु का साल पता किया जा सकता है ,

उदारण के लिए माना किसी जातक का जन्म का दिन सोमवार है तो उसकी उम्र हुई - 84 वर्ष, तथा माना कि जातक की राशि कुम्भ है तो उसकी उम्र हुई 61 वर्ष | अब दोनों उम्र को जोड़ने के बाद 2 का भाग देना होगा | 84+61/2 = 72 वर्ष |

अब माना जातक का जन्म 2001 वर्ष में हुआ तो जातक की मृत्यु 2001 + 72 = 2073 वर्ष में होगी.

और सटीक जानने के लिए हमे कुंडली दूसरे व सातवे घर को देखना होगा क्योकि कुंडली में दूसरा व सातवा घर मारक घर माना जाता है तथा आठवा मृत्यु का स्थान होता है तो इस प्रकार हमे दूसरे और सातवे घर व आठवे घर के स्वामी ग्रह भी देखने होंगे स्वामी गृह देखने के बाद जो ग्रह हमे मिलते है उन ग्रहों की दशा जब आयेगी तब जातक की मृत्यु होने की पूरी सम्भावनाये होगी !

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ