सरकारी नोकरी का योग | kundali me sarkari nokari ka yog

 सरकारी नोकरी का योग 


क्या मिलेगी आपको सरकारी नोकरी ?

क्या मिलेगा आपको सरकारी नौकरी का सुख ?


हमारे देश का ज्योतिष शास्त्र का महत्व पूरे दुनिया में प्रसिद्ध है हमारा ज्योतिष इतना सटीक है जिसमे ब्रहमांड में उपस्थित  सभी ग्रहों की चाल का पता आसानी से लगा सकते है | माना जाता है ब्रह्माण्ड में उपस्थित जो ग्रह होते है वो हमारे जीवन में काफी असर डालते है | जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है उस समय, उस स्थान से ब्रहमांड में जो भी गृह जिस स्थिति में होते है उस ग्रह की स्थिति को कुंडली में रख दिया जाता है | मनुष्य के जीवन में कुछ ग्रह अच्छा फल देते है  जबकि कुछ नकारात्मंक प्रभाव डालते है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन फलो में से सरकारी नोकरी देखने का योग कुंडली में कैसे देखे यह बताऊंगा | 

सबसे पहले आपको बता दे सरकरी नोकरी का योग देखने के लिए जातक की लग्न कुंडली देखते है- 



1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में पहले , चौथे, सातवे घर, तथा दसवे घर में से किसी भी एक घर में 1 या 5 नंबर की किनती लिखी हुई हो और उसके साथ यदि सूर्य हो तो ऐसे जातको की सरकारी नौकरी लगने की पूरी संभानाए होती है 

2 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में पहले , चौथे, सातवे घर, तथा दसवे घर में से किसी भी एक घर में 4, 9 या 12 नंबर लिखा हुआ हो तथा उसके साथ गुरु हो तो ऐसे जातको की सरकारी नौकरी लगने की संभानाए होती है

3. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में पहले , चौथे, सातवे घर, तथा दसवे घर में से किसी भी एक घर में 1, 8 या 10 नंबर लिखा हुआ हो तथा उसके साथ मंगल ग्रह हो तो ऐसे जातको की सरकारी नौकरी लगने की संभानाए प्रबल होती है


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उपर बताये गये तीनो नीयम में से कोई भी एक योग यदि कुंडली के सातवे घर में बन रहा हो तो ऐसे जातको की सरकारी नोकरी विवाह के बाद लगती है तथा यदि ये योग कुंडली के पहले घर में बन रहा हो तो ऐसे जातक बहुत ही कम उम्र में सरकारी नोकरी मिल सकती है !

4. यदि जातक की कुंडली के दसमें घर में सूर्य तथा मंगल गृह हो तो ऐसे जातक सरकारी नोकरी मिलने की संभंवाये रहती है!

5. यदि जातक की कुंडली के दसमें घर में सूर्य तथा गुरु गृह हो तो ऐसे जातक सरकारी नोकरी मिलने की संभंवाये रहती है!

6. यदि जातक की कुंडली के दसमें घर में गुरु तथा मंगल गृह हो तो ऐसे जातक को भी सरकारी नोकरी मिलने की संभंवाये रहती है!

कई बार ऐसा भी होता है इन योगो के होने के बाबजूत भी सरकारी नोकरी नही मिलती तो इसका कारण ये भी हो सकता है कि योग मिलने वाले गृह वाल्यावस्था या वृद्दावस्था के हो सकते है कहने का मतलब यह है ज्योतिषाचार्य कुंडली में ग्रहों के अंश भी देखते है यदि किसी गृह का अंश 0-5 तक होता है तो ऐसे गृह वाल्य वाले होते है तथा जिन ग्रहों का अंश 25-30 तक होता है तो ऐसे ग्रह वृद्ध ग्रह बोले जाते है , कम या अधिक ज्यादा अंश के ग्रहों का प्रभाव कम होता है 
यहाँ हमने ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो जानकारी हमे किताबो और इन्टरनेट पर मिली है उसे बताया है | मेरा मानना यह है यदि आप मेहनत से पढाई करोगे तो आपको सफलता जरुर मिलेगी |

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