Hora Kundali | होरा कुंडली

होरा कुंडली से जाने अपना धन योग 

hora kundali


जब आप कुंडली बनवाओगे या बनोगे तो आपको 16 वर्ग कुण्डलिया भी मिलेगी यह वर्ग कुण्डलिया लग्न कुंडली को बल देती है आज में आपको इन्ही 16 वर्ग कुंडली में से होरा कुंडली के बारे में बताऊंगा |

होरा कुंडली क्या है ? 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होरा कुंडली से किसी भी जातक के धन तथा सम्पति के बारे में जाना जा सकता है |  लग्न कुंडली में दूसरा भाव या घर धन से सम्बंधित होता है|
 इसी भाव को होरा कुंडली में विस्तृत तरीके से बताया गया है |

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होरा कुंडली में सिर्फ 2 भाव में ही सारे गृह होते है बाकी के सारे भाव खाली रहते है होरा कुंडली में सिर्फ 2 ही राशी पड़ती है या तो 5 नंबर की या 4 नंबर की | 5 नंबर की राशि जो की सिंह राशि होती है सिंह राशि का स्वामी सूर्य होता है तथा 4 नम्बर की राशि जिसे कर्क राशि कहते है इसका स्वामी चन्द्र होता है |

यदि किसी जातक की होरा कुंडली में 4 नंबर लिखा है तो इसका मतलब जातक जन्म चन्द्र की होरा में हुआ है यदि 5 नंबर लिखा है तो इसका मतलब जातक की होरा कुंडली सूर्य की है यदि 5 नंबर की राशि होरा कुंडली में पहले घर में है तो इसका मतलब जातक की होरा कुंडली पाप ग्रह की है तथा 4 नंबर लिखे होने पर जातक की होरा कुंडली शुभ ग्रह की है |

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है 4 नंबर की राशि के साथ शुभ गृह (शुभ ग्रह – चन्द्र, बुध, गुरु, शुक्र) जितने संख्या में अधिक होंगे तथा 5 नंबर की राशि के साथ जितने अधिक पाप ग्रह (पाप ग्रह – मंगल, सूर्य, शनि, राहु, केतु )होंगे उतना ही धनलाभ का योग माना जाता है |

इसके साथ ही धनलाभ का योग देखने के लिए जातक की लग्न कुंडली में दुसरे भाव में जिस राशि का नंबर लिखा होता है उस राशि के स्वामी गृह को भी होरा कुंडली में देखा जाता है यदि मान लो किसी जातक की लग्न कुंडली के दूसरे भाव में 7 नंबर लिखे हुए है तो 7 नंबर का स्वामी गृह हुआ शुक्र यानि शुभ ग्रह ! अब देखा यह जायेगा यदि शुक्र ग्रह होरा कुंडली में 4 नंबर की राशि के साथ है तो ये शुभ कहा जायेगा लेकिन यदि 5 नंबर की राशि के साथ शुक्र ग्रह है तो यह धन लाभ के लिए उतना अच्छा नही माना जाता है !

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना यह भी जाता है लग्न कुंडली के दूसरे भाव का स्वामी जो भी हो यदि वो होरा कुंडली में गुरु के साथ होता है तो भी धन के लिए उत्तम माना जाता है क्योकि गुरु धन का कारक ग्रह है |

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