वक्री ग्रह | vakree grho ka fal

वक्री ग्रह

वक्री ग्रह क्या होता है 

जब हम ट्रेन में बैठे होते है और हमारे  पास से जब कुछ चीज़े निकलती  है तो हमे लगता है ये चीज़े हमारे विपरीत जा रही है पर ऐसा होता है | चीज़े तो अपने ही स्थान पर है पर हम ट्रेन के साथ आंगे जा रहे होते है यही प्रथ्वी के साथ होता है जब कोई ग्रह  प्रथ्वी से निकट होकर गुजरता है तो प्रथ्वी कोआभास होता है कि ये ग्रह उसके विपरीत है इसी आभास को ज्योतिष शास्त्र में वक्री कहा गया है |  



कौन से ग्रह वक्री होते है 

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य और चंद्रमा वक्री नही होते क्योकि सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है | चंद्रमा प्रथ्वी की परिक्रमा करता है इसलिए चंद्रमा वक्री नही होता है  अतः जितने ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते है  वह वक्री हो सकते है

वक्री ग्रह- 

मंगल,बुध,गुरु, शुक्र और शनि वक्री हो सकते है  | राहु और केतु हमेशा वक्री स्थिति में रहते है |

वक्री का मतलब-

वक्री का मतलब उल्टा होता है वक्री ग्रह प्रथ्वी के सबसे निकट होता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वक्री ग्रह हमेशा बलवान होते है 

वक्री ग्रहों का फल 


  • यदि कोई उच्च राशि का ग्रह वक्री हो जाये है तो ऐसा ग्रह व्यक्ति को नुकशान देता है त्यागी बनता है मोह रहित बनाता है और इश्वर के प्रति भाव जगाता है |

  • नीच का ग्रह का यदि वक्री हो जाये तो तो ऐसा नीच का होने के बाद भी उच्च का माना जायेगा |

  • कारक ग्रह यदि नीच का हो और वक्री हो जाये तो अच्छा माना जाता है क्योकि ऐसे में उसका बल बढ़ जाता है |

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र पंचम भाव में है तो शुक्र की दशा अंतर दशा चल रही हो तो वह कन्या संतान को जन्म देगा | क्योकि शुक्र स्त्री ग्रह है लेकिन शुक्र वक्री हो जाये तो लिंग बदल जायेगा ऐसे में पुत्र संतान का जन्म होगा |

  • यदि किसी की कुंडली में ग्रह अंश में कम है पर वक्री है तो ऐसे में अंश कोई मायने नही रखते अतः वह ग्रह फिर वक्री का फल देखा

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और गुरु वक्री हो जाये तो ऐसे में वक्री का परिणाम लेट मिलता है | वही मंगल और शनि वक्री होने पर अपना परिणाम देने पर अधिक देरी नही करते है |
  • ज्योतिष' शास्त्र के अनुसार वक्री ग्रहो की द्रष्टि भी बलवान हो जाती है

  • वक्री ग्रहों की महादशा अंतरदशा में व्यक्ति मेहनत अधिक करता है |

  • मारक ग्रह अगर वक्री हो जाये तो ऐसे में मारक क्षमता कम हो जाएगी |

  • अस्त ग्रह यदि उच्च का हो बेसक वक्री हो तो वहा वक्री का फल नही मिलता है  |
उपयुक्त लेख में हमने वक्री ग्रह का परिणाम बताने की कोशिक की है | किसी भी व्यक्ति की कुंडली में नीयम  के अनुसार कोई भी ग्रह यदि वक्री तो अच्छा भी परिणाम दे सकता है और ख़राब भी यह कुंडली देखने पर पता चलता है |

ग्रह उच्च और नीच क्या होते है ?

सामान्य भाषा में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रहमांड में 9 ग्रह और 12 रशिया बतायी जाती है इन ग्रहों की अलग अलग राशियों के साथ कुछ ना कुछ सम्बन्ध होते है इन संबधों की सिथ्ती के अनुसार  ज्योतिष की भाषा में उच्च या नीच माना जाता है |

वक्री ग्रह कैसे देखे या जाने ?

जब भी आप किसी कुंडली को किसी भी सॉफ्टवेयर की मदद से निकालते है तो उस कुडंली में एक पेज ग्रहों की स्थिति से हम जान सकते है कौन सा ग्रह वक्री है और कौन सा नही है | जबकि कुछ सॉफ्टवेयर आपकी लग्न कुंडली में वक्री ग्रहों को अलग तरीके से दिखाते है |

उदहारण के लिए नीचे दी हुई कुंडली देखे-

आप देख सकते है मंगल ग्रह को   "- मंगल" करके दिखाया गया है यहा हम समझ सकते है मंगल इस कुंडली में वक्री है | 

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