Jyotish
Charitraheen Yog |कामवासना योग |kamvashna yog jane |
कामवासना योग
कामवासना का योग ?
चरित्र जाने ?
वैसे तो किसी का चरित्र का पता लगाना आसान नही है पर माना जाता है ज्योतिष शास्त्र के जानकार लोग किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखकर उस व्यक्ति का चरित्र बता पाने में संक्षम होते है आज हम आपको ज्योतिष शास्त्र के सूत्रों की मदद से किसी भी स्त्री या पुरुष की कुंडली देखकर उसके चरित्र और कामुकता के प्रति उसका आकर्षण जान सकेंगे |
- माना जाता है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि सप्तम भाव का स्वामी बाहरवे भाव में बैठ जाये तो कामुकता योग बनता है या यदि बाहरवे भाव का स्वामी सप्तम भाव में बैठ जाये तो भी काम वासना का योग बनता है | माना जाता है ऐसे जातक नए नए प्रयास करते रहते है ऐसे जातको का काम वासना के प्रति ज्यादा लगाव होता है |
- तुला राशि में शुक्र एवं चन्द्र कुंडली के किसी भी भाव में बैठे हो और चन्द्रमा पर अगर पाप ग्रहों की द्रष्टि हो तो ऐसा व्यक्ति भी कामुकता के प्रति आकर्षित होता है |
- यदि शुक्र के साथ राहु कही भी बैठा हो तो भी काम वासना योग बनता है और ऐसे में राहु चरित्र भंग कर सकता है |
- यदि कुंडली में शनि मंगल शुक्र लग्न या सप्तम में बैठ जाये तब भी व्यक्ति नित्य नए प्रयास करता रहता है काम वासना के प्रति |
- यदि बुध और शुक्र सप्तम या लग्न भाव में बैठ जाए तो भी यह श्तिथि बनती है
- मंगल के साथ यदि राहु और शुक्र हो तो व्यक्ति अधिकतर बड़ी स्त्रियों या कम उम्र की स्त्रियों के साथ मन लगा रहता है |
- मंगल के साथ शुक्र बैठ जाये तब भी काम वासना का योग बनता है |
- राहु यदि सप्तम, अष्टम भाव या बाहरवे भाव में बैठ जाये तब भी यह योग बन जाता है |
- यदि शुक्र की द्रष्टि राहु पर पड़ जाये या राहु की द्रष्टि शुक्र पर पड़ जाये तो ये योग प्रबल होता है |
- यदि चंद्रमा के साथ राहु बैठा हो तो ऐसे व्यक्ति का भी चरित्र ख़राब हो सकता है |
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ