सातवे भाव के स्वामी का कुंडली में फल | satve bhav ka bhal

सातवे भाव के स्वामी का कुंडली में फल 


कुंडली में सातवे भाव पर विचार- 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के सातवे घर से किसी भी व्यक्ति के विवाह और सुसुराल पार्टनरसिप, यात्रा तथा आय के बारे में जाना जाता है | कुंडली में पहले घर के सामने वाला घर सातवा घर होता है | सातवे घर का फल जानने के लिए आपको सतावे घर का स्वामी ग्रह पता होना चाहिए | कुंडली में सातवे घर में जिस नंबर की गिनती लिखी हो वह उस घर की राशि मानी जाएगी इस प्रकार उस राशि का जो स्वामी ग्रह होगा उसे सप्तमेश कहा जायेगा सप्तमेश के अनुसार व्यक्ति को क्या फल मिलेगा यह नीचे हमने बताया है |



 यदि सातवे भाव का स्वामी लग्न या प्रथम घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के लग्न भाव या पहले घर में हो तो ऐसा व्यक्ति सुंदर, रूपवान,पर स्त्री गामी और वात रोग से पीड़ित हो सकता है |


 यदि सातवे भाव का स्वामी दूसरे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के दूसरे भाव में बैठा हो जातक को कभी कभी सुख की कमी होती है तथा दीर्घ सूत्री ( किसी भी काम को लम्बा खीचने वाला ) होता है |ऐसा व्यक्ति धन के लिए अच्छा है पर स्वभाव और चरित्र के लिए ख़राब हो सकता है |


 यदि सातवे भाव का स्वामी तीसरे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के तीसरे भाव में बैठा हो तो ऐसा व्यक्ति पुत्रो का पालन अच्छे से करता है | भाइयो के लिए श्रम और प्रयास करता रहता है आत्मनिर्भर होता है पर ऐसे व्यक्तियो की संतान हानि भी हो सकती है गर्भ में खत्म हो जाये | यदि सातवे भाव का स्वामी तीसरे में हो तो ऐसा व्यक्ति की पत्नी देवर के प्रति आसक्त हो सकती है |


 यदि सातवे भाव का स्वामी चौथे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के चतुर्थ में बैठा हो माता और सास के प्रति प्रेम , शुख साधन पर्याप्त होंगे और ऐसे व्यक्ति को कभी कभी दांत के रोग भी हो सकते है | 

 यदि सातवे भाव का स्वामी पांचवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के पंचम भाव में बैठा हो तो पुत्र वान , भाग्य शाली, मानी सम्मानी होगा , चालक बुध्दी का होगा और ऐसा व्यक्ति पुत्र माता का पालन करने वाला होता है 

 यदि सातवे भाव का स्वामी छठवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के छठवे भाव में बैठा हो तो पर पत्नी ,की क्रक्स होती है झकडालू स्वभाव होगा , ऐसे में व्यक्ति का उधार और कर्ज का योग भी बनता है , ऐसे व्यक्ति को पार्टनर शिप नही करनी चाहिए |

 यदि सातवे भाव का स्वामी सातवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के सातवे भाव में बैठा हो तो सत्मे निर्मल स्वभव , शील वान , प्रशन्न चित और स्त्रियों का मान सम्मान करता है स्त्रियों से रिलेशन शिप अच्छा रहता है |

 यदि सातवे भाव का स्वामी आठवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के छठवे भाव में बैठा हो तो जीवन साथी की उम्र की हानि करेगा, अगर व्यक्ति मांगलिक हो तो ऐसे जीवन साथी की म्रत्यु भी हो सकती है , तनाव तलक का योग, वैश्या गामी, पर स्त्री से प्रेम करने वाले अपने स्त्री परिवार से कम प्यार करने वाला होता है ऐसे व्यक्तियों को  उपाए करना चाहिए |

 यदि सातवे भाव का स्वामी नौवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के नौवे भाव में बैठा हो तो तेजस्वी , न्यायवन , अच्छा ज्ञान , अच्छे स्वभाव, रंग रूप शर्मिक होता है |

 यदि सातवे भाव का स्वामी दसमे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के दसम भाव में बैठा हो तो ऐसे व्यक्ति का विवाह के बाद निखार आता, अच्छी आम दिन आय होती है , कठोर भाषा बोलने बाला , तर्क करने बाला , कभी कभी दन्त रोग होता | ऐसे व्यक्ति की स्त्री का चरित्र कम अच्छा माना जाता है |

 यदि सातवे भाव का स्वामी ग्याहरवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के ग्यारहवे भाव में बैठा हो तो स्त्री से लाभ, शुभ शील, स्त्रीयों से धन की आमदनी मिलती है|

 यदि सातवे भाव का स्वामी बाहरवे घर में हो 

 यदि किसी व्यक्ति के सातवे घर का स्वामी कुंडली के बाहरवे भाव में बैठा हो तो भाइयो और पत्नियों से सुख नही मिल पता है , ज्यादा खर्चीली पत्नी मिलती है इससे व्यक्ति का जीवन चंचल होता है |


अब नीचे हमने राशियों और उनके स्वामी गृह के बारे में बताया है आप अपनी कुंडली में देख सकते है -

राशि   स्वामी गृह

1.    मेष    मंगल

2.    वृषभ  शुक्र

3.    मिथुन बुध

4.    कर्क   चंद्र

5.    सिंह   सूर्य

6.    कन्या  बुध

7.    तुला   शुक्र

8.    वृश्चिक मंगल

9.    धनु   ब्रहस्पति

10.   मकर  शनि

11.   कुंभ   शनि

12.   मीन   ब्रहस्पति


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