लग्नेश के बारे में जाने | Kundali me lagnesh dekhe
कुंडली में लग्नेश या पहले घर के स्वामी का सभी भावो में फल
लग्नेश किसे कहते है ?
कुंडली का पहले घर के स्वामी को लग्नेश कहते है |
लग्न का स्वामी पहले घर में होने पर फल-
यदि लग्न का स्वामी लग्न में बैठा हो तो ऐसा व्यक्ति रोगहीन, शरीर से अच्छा, स्वभाव सुरूप अच्छा होता है नेता तथा बड़े अधिकारियो से रिश्ते बना के रखता है | सुखी जीवन, जीवन में भोग विलास भी मिलता है | कभी कभी ऐसे व्यक्तियों का एक से अधिक स्त्रियों के भोग का भी योग बनता है |
लग्न का स्वामी दूसरे घर में होने पर फल-
दूसरे भाव में है तो ऐसा व्यक्ति धनि होता है, व्यक्ति धार्मिक पर होता है शरीर मोटा हो सकता है | ऐसा व्यक्ति स्थानापति हो सकता है | आयु लम्बी होती ऐसे व्यक्ति के भाई भी अच्छे होते है और ऐसे व्यक्ति की स्त्री भी गुणवती होती है |
लग्न का स्वामी तीसरे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि तीसरे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति अपने भाइयो से श्रेठ होता है तथा अपने भाइयो से प्रेम करने वाला होता है | ऐसा व्यक्ति धर्मात्मा होता है दानी होता है, पराक्रम होता है और सभी प्रकार की सम्पत्ति का सुख मिलता है ऐसे व्यक्तियों की कई पत्निया भी हो सकती है यदि व्यक्ति मांगलिक हो या चोरी छिपे सम्बन्ध हो सकते है | यदि लग्नेश बल हीन हो तो अपवित्रता प्रदान करने लगता है |
लग्न का स्वामी चौथे घर में होने पर फल-
यदि चौथे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति राजा का प्रिये होता है दीर्घ जीवी होता है , बहुमित्र होते है , माता पिता का भक्त और घर गाडी का सुख मिलेगा और ऐसे व्यक्ति का पिता धनवान होता है |
लग्न का स्वामी पांचवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि पांचवे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति पुत्र को बहुत अधिक प्रेम करने वाला होता है | दानी होता है अच्छे कर्म करता है , जरूरत पड़ने पर त्याग की भावना भी रखता है , संतोषी होता है| आयु लम्बी होती है कभी कभी लग्नेश के पंचम में होने से पहला संतान गर्भ में नष्ट हो सकता है ऐसे व्यक्ति का कंठ अच्छा होता है |
लग्न का स्वामी छटवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि छटवे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति के पास भूमि सम्पत्ति अच्छी होती है | पर कंजूस होता है ऐसा व्यक्ति मामा से पशु से शुखी होता है ऐसा व्यक्ति बोलने पर लापरवाह होता है |
लग्न का स्वामी सातवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि सातवे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति तेजस्वी होता है, शील वान होता है, अपनी पत्नी के अधीन होता है, चरित्र अच्छा होता है रूपवान होता है ऐसे व्यक्ति की पत्नी भी अच्छी होती है यदि लग्नेश सप्तम है हो तो कभी कभी ऐसे व्यक्तियो की पत्नी सुहागन होकर मरती है |
लग्न का स्वामी आठवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि आठवे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति कंजूस होगा , व्यवहार में भी कंजूस होता है रोग बने रहते है पर आयु अच्छी होती है ऐसे व्यक्ति के सर पे या माथे पर चोट चपेट का निशान भी रह सकता है | यहा लग्नेश अच्छा नही माना जाता है |
लग्न का स्वामी नोवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि नवम भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति सुखी और धार्मिक यात्राये करने वाला होता है ऐसे व्यक्ति को राज मान द्वारा सम्मान मिलता है मित्रो से युक्त होता है |
लग्न का स्वामी दसमे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि दसम भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति यह लग्नेश अच्छा होता है ऐसा व्यक्ति राजनीति में होता है या सरकारी नोकरी मिल सकती है ऐसे व्यक्ति को अच्छे अवसर मिलते है, पिता का भक्त होता है भोग विलास मिलता है , लोगो से सम्मान मिलता है | सत कर्म करते हुए जीवन व्यतीत होता है |
लग्न का स्वामी ग्यारवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि ग्यारवे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति ऐसा व्यक्ति की मनोकामनाये पूर्ण होती है| ऐसे व्यक्तियों को नोकर चाकर वाहन का सुख अच्छा रहता है | मित्रो से सुखी होता है यहाँ लग्नेश अच्छा माना जायेगा|
लग्न का स्वामी बाहरवे घर में होने पर फल-
लग्नेश यदि बाहरवे भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति जन्म स्थान से दूर रहता है अब ये राशियों स्वभाव पर भी निर्भर करता है | लग्नेश व्यक्ति को विदेश पहुचता है | ऐसा व्यक्ति यदि परिवार के साथ रहता है तो कुटुंब होता है परिवार से दूर रहता है तो शांति रहती है परदेश चला जाता है और खर्चेभी अच्छे होते है लग्नेश के बाहरवे में होने से अनावश्यक खर्चे में वृधि करता है | इसलिए आर्थिक रूप से अच्छा रिजल्ट नही दे पता है |
यहा हमने आपको लग्नेश के कुंडली में सभी भावो में बैठने पर जो परिणाम मिलता है वो बताया है |
अपना लग्नेश कैसे जाने ?
आपकी कुंडली में जो पहला घर है उसमे कोई ना कोई नंबर लिखा होता है उस नंबर को राशि कहते है आपको देखना है उस पहले घर में कौन सा नंबर है |और नंबर की राशि का स्वामी कौन है और कुंडली में किस घर में बैठा है उसका रिजल्ट हमने उपर बता दिया है | उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति के प्रथम घर में 12 नंबर लिखा है तो उसकी राशि हुई मीन और मीन राशि का स्वामी गृह होता है वृहस्पति अब वृहस्पतिकुंडली के जिस घर में बैठा उसका परिणाम क्या मिलेगा यह हमने उपर बता रखा है |
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ